सवाल एक आपके लिये- देहरादून महानगर (उत्तराखंड की राजधानी) जहाँ सारे शासन-प्रशासन के नुमाइंदे का रहते है,वहां के एक छेत्र में बारिश ने ऐसा कहर बरपाया की 2 लोगो की मौत होती है, औऱ आमजन को हज़ारों का नुकसान हुआ ।
माननीय छेत्रीय विधायक जी जो कि आपदा के 3 दिन बाद उस छेत्र में गए कुछ चेक लेकर फोरी तोर पर जनता को राहत देने तो क्या?जनता अपना आक्रोश भी न निकाले? कीचड़ भी न फेंके? भगाये भी नही?
ये वो जनता हैं जिन्होंने मोदी के नाम से माननीय विधायक जी को भरपूर वोट देकर जिताया और पूर्ण बहुमत से सरकार बनायी और आज आपने ने ही उनके आक्रोश को विपक्ष कि चाल बता दिया।
इस समय पूरी कालोनी मिट्टी कीचड़ से पटी पड़ी है और वो ही कीचड़ था जो जनता ने आप पर फेंका और भगाया दूसरी तरफ पूर्व विधायक है जो लगातार 3 दिन से एक सिपाही की तरह मोर्चे पर डटे है, और प्रभावित लोगों को भोजन करवा रहे है, और आप ये उनकी साजिश बता रहे है, ये आपके व आपकी सरकार के लिए सर्मनाक बात है, पर ये नही भूलना चाहिए कि जनता सब जानती है।
अब सब सामने है कि कुछ दिन पहले किस कदर प्रदेश का मुखिया ही जनता दरबार मे एक महिला को जेल में बंद व नॉकरी से निष्कासित करने को कहते है।
पूर्व में धन सिंह रावत जी को भी अपने गृह छेत्र में जनता ने आक्रोश दिखाया था, उसके बाद माननीय मुख्यमंत्री जी को भी धुमाकोट में जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ा था ।
और ये एक सोचने का विषय है।
निष्कर्ष-अगर वाक़ई ये कॉग्रेसी साजिश थी तो माननीय विधायक केस दर्ज करें सब साफ हो जाएगा......
मंगलवार, 24 जुलाई 2018
सोई सरकार
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